सवाल:- क्या मैय्यत के घर खाना “पका कर/ पकवा कर” भिजवाना ज़रूरी होता है?
*सवाल:- क्या मैय्यत के घर खाना “पका कर/ पकवा कर” भिजवाना ज़रूरी होता है?*
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👉 *जवाब:-* मैय्यत के घर खाना पकाकर भिजवाये। (पड़ौसी या रिश्तेदार)
----------- 👉 *अब्दुल्लाहः बिन जाफ़र (रदि.) फ़रमाते हैं कि जब जाफ़र की वफ़ात की ख़बर आई तो रसूलुल्लाहः ﷺ ने फ़रमाया : अहले जाफ़र के लिये खाना तइयार करो, इन लोगों पर ऐसी मुसीबत आई है जिसमें वो खाना नहीं पका सकेंगे।*
📚(अबु दाऊद हदीस: 3132) 👉 *रिश्तेदार या पड़ौसी पहले खाना दे मैय्यत के घर यही अफ़ज़ल है।*
📚(फ़तावा शैख़ बिन बाज़ - 9/325 )
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