तअवीज़,गण्डा,नुशरह,कहानत,इल्मे नुजूम,जादूगरों और बदशुग़ूनी की हक़ीक़त।

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_*بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ*_

_*बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम*_

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🟥 _*तअवीज़,गण्डा,नुशरह,कहानत,इल्मे नुजूम,जादूगरों और बदशुग़ूनी की हक़ीक़त।*_


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🟪 _*तअवीज़-यह शिर्क ए असग़र है,इस पर अमल करने वाला अगर तौबह न करे तो सख्त सज़ा का मुस्तहिक़ है जिसकी सज़ा जब तक अल्लाह चाहे जहन्नुम है।*_


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📴 _*जिसने तअवीज़ लटकाया उसने शिर्क किया।*_


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✅(1)सैय्यिदिना उक़्बह बिन आमिर रज़ियल्लाहो तआला अन्ह से रिवायत है कि एक जमाअत नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के पास आई आपने 9 अफराद से बैअत ले ली और 1 से न ली,उन्होंने कहा ऐ अल्लाह के रसूल!आपने 9 अफराद से बैअत ले ली और एक को तर्क कर दिया ,आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया ,इसने तअवीज़ लटकाया हुआ है,उसने अपना हाथ दाखिल किया और तअवीज़ काट दिया फिर आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने उससे बैअत ले ली और फरमाया,

(مَنْ عَلَّقَ تَمِیمَۃً فَقَدْ أَشْرَکَ۔)

(मन् अल्लक़ा तमीमतन् फक़द् अशरक/जिसने तअवीज़ लटकाया उसने शिर्क किया।)


मुस्नद अहमद,उर्दू तर्जुमह,जिल्द नम्बर 7, हफ्तुम,पेज नम्बर 211,हदीस नम्बर 17558,तखरीज-क़ाला शुऐब अस्नादह क़वी,अल्फत्हुर्रब्बानी फिक़ही तरतीब मुस्नद अहमद,जिल्द नम्बर 7, हदीस नम्बर 7740,अहादीसुल सहीहह,उर्दू तर्जुमा,जिल्द नम्बर 4,हदीस नम्बर 3122,


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📴 _*जिसने कुछ लटकाया वह उसी के हवाले कर दिया जाता है।*_


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✅(2)ईसा बिन अब्दुर्रहमान कहते है हम सैय्यिदिना अब्दुल्लाह बिन उकैम रज़ियल्लाहो तआला अन्ह के पास गये,वह बीमार थे हम उनकी तीमारदारी के लिए गए और उनसे कहा अगर तुम शिफा हासिल करने के लिए गले मे कोई तअवीज़ लटका लो,उन्होंने कहा मै कुछ लटका लूँ?,जब कि नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया,

((مَنْ تَعَلَّقَ شَیْئًا وُکِّلَ إِلَیْہِ۔)) 

(मन् तअल्लक़ा शैअन् वुक्किला इलैह/जिसने कुछ लटकाया वह उसी के हवाले कर दिया जाता है।)


अल्फत्हुर्रब्बानी फिक़ही तरतीब मुस्नद अहमद जिल्द नम्बर 7, हदीस नम्बर 7741, तखरीज-मुस्नद अहमद 18988,हसन लिग़ैरह,


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✅(3)ईसा बिन अब्दुर्रहमान कहते है मै अब्दुल्लाह बिन उकैम अबी मईद अल्जोह्नी के यहाँ उनकी अयादत करने गया,उनको हुमरह का मर्ज़ था हमने कहा कोई तअवीज़ वगैरह क्यों नहीं लटका लेते? उन्होने कहा मौत इससे ज़्यादह करीब है नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया,

 «مَنْ تَعَلَّقَ شَيْئًا وُكِلَ إِلَيْهِ»

(मन् तअल्लक़ा शैअन् वुकिला इलैहि/

जिसने कोई चीज़ लटकाया वह उसी के सुपुर्द कर दिया गया।)


इमाम तिर्मिज़ी कहते है अब्दुल्लाह बिन उकैम की हदीस को हम सिर्फ मुहम्मद बिन अब्दुर्रहमान बिन अबी लैला की रिवायत से जानते हैं,अब्दुल्लाह बिन उकैम ने नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से हदीस नही सुनी है,लेकिन वह आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के ज़माने मे थे,वह कहते थे,रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने हम लोगो के पास लिखकर भेजा है। 


जामेअतिर्मिज़ी,किताबुत़्त़िब्ब,हदीस नम्बर 2072,तखरीज-इस्नादह सही दारुद्दअवात,ज़ईफ दारुस्सलाम,निसाई 4084,


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📴 _*जो तमीमह लटकाये अल्लाह तआला उसकी मुराद पूरी न करे।*_


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✅(4)सैय्यिदिना उक़्बह बिन आमिर रज़ियल्लाहो तआला अन्ह बयान करते हैं कि मैंने नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से सुना आपने फरमाया,

((مَنْ تَعَلَّقَ تَمِیمَۃً فَلَا أَتَمَّ اللّٰہُ لَہُ، وَمَنْ تَعَلَّقَ وَدَعَۃً فَلَا وَدَعَ اللّٰہُ لَہُ۔)) 

{मन् तअल्लक़ा तमीमतन् फला अतम्मल्लाहु लहु,वमन् तअल्लक़ा वदअतन् फला वदअल्लाहु लहू/जो तमीमह लटकाये अल्लाह तआला उसकी मुराद पूरी न करे और जो सफेद मुनक्के लटकाता है अल्लाह तआला उसको सुकून न दे।}


अल्फत्हुर्रब्बानी फिक़ही तरतीब मुस्नद अहमद जिल्द नम्बर 7,हदीस नम्बर 7739,तखरीज-हसन,मुस्नद अहमद 17539,इब्नेहिब्बान 6086,अबू य़अला 1759,


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🟪 _*गण्डा।*_


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📴 _*ऊँट की गर्दन से गण्डा को कटवा देना।*_


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✅ (5)हज़रते अबू बशीर अंसारी रज़ियल्लाहो तआला अन्ह ने बयान किया कि वो एक सफर मे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के साथ थे लोग अपनी ख्वाबगाहों मे थे कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने अपना क़ासिद यह ऐलान करने के लिए भेजा कि 


जिस शख्स के ऊँट की गर्दन मे ताँत का गण्डा हो या यूँ फरमाया कि जो गण्डा(हार)हो वह उसे काट डाले।


सही बुखारी,किताबुल जिहाद,हदीस नम्बर 3005,तखरीज-मुस्लिम 5549,अबूदाऊद 2552,


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📴 _*अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहो अन्ह का अपनी बीवी के गले से गण्डे को गले से काट डालना और शैत़ानी दम करने पर आँख फड़कना क्यों बंद हो जाती थी?*_


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✅(6)सैय्यिदह ज़ैनब रज़ियल्लाहो तआला अन्हा जो कि सैय्यिदिना अब्दुल्लाह बिन मसूद रज़ियल्लाहो तआला अन्ह की अहलिया थीं,से मरवी है वह कहतीं है,अब्दुल्लाह बिन मसूद रज़ियल्लाहो तआला अन्ह जब बाहर का काम खत्म करके बाहर आते तो दरवाज़े पर पहुँच कर खंकारते ताकि घर वाले किसी नापसन्दीदह हालत पर न हों,एक दिन वो आए तो खंकारा,मेरे पास एक बुढ़िया थी जो मुझे वरम का दम कर रही थी मैंने उसे चारपायी के नीचे बिठा दिया,सैय्यिदिना अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहो तआला अन्ह दाखिल हुए और मेरे एक पहलू मे बैठ गये,जब उन्होंने मेरी गर्दन मे एक धागा देखा तो कहा यह क्या है?,मैंने कहा यह धागा है मेरे लिए दम किया गया है वह बँधा हुआ है,उन्होंने उसे पकड़ा और काट डाला और कहा अब्दुल्लाह की आल इस शिर्क से बेपरवाह है,मैंने नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से सुना आपने फरमाया,

((إِنَّ الرُّقٰی وَالتَّمَائِمَ وَالتِّوَلَۃَ شِرْکٌ۔)) 

(इन्नर्रुक़्क़ा वत्तमाइमा वत्तौलता शिर्कुन्/बेशक झाड़-फूँक,तअवीज़ात और मुहब्बत के अअमाल सब शिर्क है।)


मैंने कहा,आप ऐसा न कहें मेरी आँख फड़कती थी,मै फलाँ यहूदी के पास गयी ,जो दम करता था ,जब वो दम करता था तो आँख पर सुकून त़ारी हो जाता था उन्होंने कहा यह शैत़ानी अअमाल था,वह शैत़ान अपने हाथ के साथ मारता था तो आँख फड़कने लग जाती थी,जब तू दम करवाती तो शैत़ान हाथ रोक लेता था तुझे वह दुआ काफी है जो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पढ़ा करते थे,

((أَذْہِبِ الْبَاسَ رَبَّ النَّاسِ اشْفِ أَنْتَ الشَّافِی لَا شِفَائَ إِلَّا شِفَاؤُکَ شِفَائً لَا یُغَادِرُ سَقَمًا۔))

(अज़्हिबिल्बअसा रब्बन्नासिश्फि अन्तश्शाफी ला शिफाआ इल्ला शिफाउका शिफाअन् ला युग़ादिरु सक़मा/तकलीफ दूर कर दे,ऐ लोगों के रब!शिफा दे,तू ही शिफा देने वाला है,नहीं है कोई शिफा मगर तेरी शिफा,ऐसी शिफा दे जो बीमारी बाक़ी न छोड़े।)


अल्फत्हुर्रब्बानी फिक़ही तरतीब मुस्नद अहमद जिल्द नम्बर 7 पेज नम्बर 314,हदीस नम्बर 7737 ,तखरीज-मुस्नद अहमद 3615, सही लिग़ैरह,


अन्य दलायल-अबूदाऊद 3883(ज़ईफ दारुस्सलाम),इब्नेमाजह 3530,सही इब्नेहिब्बान 1412,


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🥎नोट-इमाम अल्बानी रहमतुल्लाह अलैह कहते है,

(1)अर्रुक़्क़ह से मुराद जिन्नों से पनाह माँगना है या ऐसा कलाम जिसका मअना न समझा जा सके।

(2)अत्तमाइम् ,यह तमीमह की जमअ है,अस्ल मे इनसे मुराद घोंघे या दाने है।

(3)अत़्त़ौलह,वह जादू या टोटका वगैरह जो मुहब्बत के लिए बीवी अपने खाविन्द के लिए करती है।


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🟪 _*नुशरह(शिर्किया व जाहिलानह मंत्र पढ़ना)हराम है।*_


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📴 _*जाहिलानह दम व मंत्र पढ़ना शैत़ानी अमल है।*_


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✅(7)हज़रते जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहो तआला अन्ह का बयान है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से नुशरह के मुताल्लुक़ दरयाफ्त किया गया तो आपने फरमाया,यह शैतानी अमल है।


सुनन अबू दाऊद,किताबुत़्त़िब्ब, हदीस नम्बर 3868,तखरीज-इस्नादह-हसन।


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🥎नोट-जिन्न या जादू उतारने के लिए शिर्किया और जाहिलानह मंत्र पढ़ना व पढ़वाना नुशरह कहलाता है जो हराम व नाजायज़ है।


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🟪 _*जायज़ दम कौन सा है?*_


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📴 _*जिस दम मे शिर्क न हो जायज़ है।*_


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✅(8)सैय्यिदिना औफ बिन मालिक अश्जई रज़ियल्लाहो तआला अन्ह फरमाते हैं कि हम जाहिलिय्यत मे दम किया करते थे हमने अर्ज़ किया ऐ अल्लाह के रसूल!इसके बारे मे आपकी क्या राय है तो आपने फरमाया,


मुझपर अपने दम पेश करो,दम करने मे कोई हर्ज नहीं,जब तक इसमें शिर्क का शैबह न हो।


सही मुस्लिम,किताबुस्सलाम,हदीस नम्बर 2200(5732),


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🟪 _*काहानत।*_


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📴 _*गैब की खबरें बताने वालों के पास जाने की ममानियत।*_


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✅(9)हज़रत ए अबूहुरैरह रज़ियल्लाहो अन्ह से रिवायत है रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया जो शख्स किसी काहिन के पास गया जो गैब की खबरें देता हो और फिर उसकी तस्दीक़ की या अपनी बीवी के पास उसके अय्यामे हैज़ मे गया या उसकी दुबुर मे मुबाशरत की तो वह मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पर नाज़िल करदह दीन से बरी हुआ।


सुनन अबूदाऊद,किताबुल् कहानति वत्तत़य्यरि,हदीस नम्बर 3904,तखरीज-हसन,तिर्मिज़ी 135,इब्नेमाजह 639,मुस्लिम 2230,


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📴 _*जो शख्स किसी ग़ैब की ख़बर बताने वाले नुजूमी वग़ैरह के पास आए और उससे कोई बात पूछे तो उसकी 40 रात की नमाज़ क़ुबूल नही होती।*_


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✅(10)सफियह रज़ियल्लाहो तआला अन्ह ने नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की एक अहलियह से और उन्होंने नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से रिवायत की कि आपने फरमाया,


जो शख्स किसी ग़ैब की खबरें सुनाने वाले के पास आये और उससे किसी चीज़ के बारे में पूछे तो 40 रातों तक उस शख्स की नमाज़ क़ुबूल नहीं होती।


सही मुस्लिम किताबुस्सलाम,हदीस नम्बर 2230(5821),


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📴 _*इल्मे नुजूम सीखने की ममानियत।*_


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✅(11)हज़रत ए इब्नेअब्बास रज़ियल्लाहो अन्ह से मरवी है नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया,


जिसने नुजूम का कोई इल्म सीखा उसने जादू का एक हिस्सह सीखा चुनाँचे जो इसमे अपना हिस्सह बढ़ाना चाहता है बढ़ा ले।


सुनन अबूदाऊद,किताबुल् कहानति वत्तत़य्यरि,हदीस नम्बर 3905,तखरीज-हसन,इब्नेमाजह 3726,


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📴 _*कभी-कभी जादूगरों की बातें इसलिए सच हो जाती है क्योंकि शैत़ान बातें चुराकर जादूगरों को बतला देता है।*_


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✅(12)उम्मुल मोमिनीन हज़रते आइशा रज़ियल्लाहो ताला अन्हा से रिवायत है मैंने अर्ज़ किया या रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम!बअज़ बातें हमसे नुजूमी कहते हैं और वह सच निकलती हैं,


आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया यह सच बात जिन्न उसको उचक लेता है और अपने दोस्तों के कान में डाल देता है और 100 झूठ उसमें बढ़ा देता है।


सही मुस्लिम किताबुल सलाम,हदीस नम्बर(2228)5816,तखरीज-सही बुखारी 5762,


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📴 _*किसी सितारे की कोई ताषीर नही है।*_


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✅(13)हज़रत ए अबूहुरैरह रज़ियल्लाहो अन्ह बयान करते है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया कोई बीमारी मुतअद्दी नही होती,न किसी मुर्दे से कोई उल्लू निकलता है,न किसी सितारे की कोई ताषीर है और न सफर का महीनह मनहूस है।


सुनन अबूदाऊद,किताबुल् कहानति वत्तत़य्यरि,हदीस नम्बर 3912,तखरीज-सही मुस्लिम 2220,2221,


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🟪 _*बदशगूनी की ममानियत।*_


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📴 _*बदशुगूनी शिर्क है।*_


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✅(14)हज़रत ए अब्दुल्लाह बिन मसूद रज़ियल्लाहो अन्ह से रिवायत है रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया,


बदशुगूनी शिर्क है,बदशगूनी शिर्क है,तीन बार फरमाया और हम मे से हर एक को कोई न कोई वहम हो ही जाता है मगर अल्लाह इज़्ज़ोजल्ल उसे तवक्कल की बरकत से ज़ायल कर देता है।


सुनन अबूदाऊद,किताबुल् कहानति वत्तत़य्यरि,हदीस नम्बर 3910,तखरीज-सही,तिर्मिज़ी 1614,इब्नेमाजह 3538,त़यालसी 356,सही इब्नेहिब्बान 1427,


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📴 _*नेक शगूनी यअनि अच्छा कल्मह कहना जायज़ है।*_


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✅(15)हज़रत ए अनस रज़ियल्लाहो अन्ह से रिवायत है नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया कोई मर्ज़ मुतअद्दी नही होता और न कोई बदफाली है अल्बत्तह नेक शुगूनी मुझे भली लगती है,नेक शुगूनी(यह है)आदमी कोई अच्छा कल्मह सुन ले।


सुनन अबूदाऊद,किताबुल् कहानति वत्तत़य्यरि,हदीस नम्बर 3915,तखरीज-हसन,


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🥎 नोट-जैसे नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने सुलह हुदैबियह के मौक़े पर अहले मक्कह के नुमाइंदे सुहैल बिन उमरू की आमद पर फरमाया था अब तुम्हारा मुआमलह सहल्(आसान)हो गये है।(सही बुखारी 2731,2732)


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